पितृपक्ष के दौरान यदि हमारे पूर्वज आसपास मौजूद होते हैं तो घर में पीपल का पेड़ उगता है। घर में अचानक यदि पीपल का पौधा निकलते दिखे तो समझ सकते हैं कि हमारे पितरों की आत्मा आसपास ही मौजूद है।
हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों का सम्मान करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि 16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान हमसे मिलने के लिए हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और इस दौरान विधि पूर्वक पूजा पाठ, तर्पण व श्राद्ध कर्म करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज हमसे मिलने आते हैं और हमारे आसपास उनकी मौजूदगी के कुछ संकेत भी मिलते हैं। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक हमारे पूर्वज यदि आसपास होते हैं तो ये संकेत मिलते हैं।
पितृपक्ष में बार-बार दिखा काला कुत्ता
अगर पितृपक्ष के दौरान बार-बार काला कुत्ता दिखाई दे तो यह भी पितरों की मौजूदगी का संकेत हो सकता है। काला कुत्ता पितरों का संदेशवाहक माना जाता है। पितृपक्ष में काला कुत्ता दिखना शुभ संकेत माना जाता है। इसका मतलब है कि पितृ आपसे प्रसन्न हैं।
घर में बार-बार कौए का आना
पितृ पक्ष में कौआ यदि घर पर भोजन करने आता है तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। इसका मतलब है कि पूर्वज आपसे प्रसन्न है। पितृपक्ष में रोज कौए के लिए भोजन जरूर निकालना चाहिए।ऐसा करने पर पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी कृपा हम पर बनी रहती है।
घर में उगता का पीपल का पौधा
पितृपक्ष के दौरान यदि हमारे पूर्वज आसपास मौजूद होते हैं तो घर में पीपल का पेड़ उगता है। घर में अचानक यदि पीपल का पौधा निकलते दिखे तो समझ सकते हैं कि हमारे पितरों की आत्मा आसपास ही मौजूद है। इसका एक संकेत यह भी माना जाता है कि पितृ हमसे नाराज हैं। ऐसी स्थिति में पितृदोष से मुक्ति के उपाय जरूर करना चाहिए।
सूखने लगे तुलसी का पौधा
पितृपक्ष के दौरान यदि तुलसी का पौधा सूखने लगे तो इसे भी पितरों के आने का संकेत माना जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय माना जाता है। पितृ पक्ष में यदि तुलसी का पौधा सूखना पितरों की नाराजगी का संकेत होता है। इस दौरान पितरों के नाम पर 16 दिनों तक भजन करना चाहिए और तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए।
लाल चींटियों दिखाई देना
पितृपक्ष के दौरान यदि घर में बार-बार लाल चीटियां दिखाई दें तो यह भी पितरों की मौजूदगी का संकेत माना जाता है। ऐसा मान्यता है कि पितृ चीटियों के रूप में परिवार से मिलने के आते हैं। ऐसे में चींटियों को आटा डालना चाहिए, जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
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