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मरुधर गूँज, बीकानेर (26 सितंबर, 2023)। हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर माह ही प्रदोष व्रत रखा जाता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष का दूसरा और आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023 बुधवार को होगा। फिलहाल गणेश उत्सव चल रहा है और इस दौरान पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व भी बढ़ गया है। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत मां गौरी और भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से जातक के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।
बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष्य प्रेमशंकर शर्मा का कहना है कि बुध प्रदोष व्रत यदि विधि विधान से किया जाता है तो सुख-सौभाग्य और खुशहाली की प्राप्ति होती है। भाद्रपद माह का आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023 को रखा जाएगा। पंचांग के मुताबिक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 27 सितंबर 2023 को सुबह 1.45 मिनट पर शुरू होगी और रात को 10.18 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 27 सितंबर 2023 को शाम 6.12 मिनट से रात 8.36 मिनट तक रहेगा।
ऐसे करें प्रदोष व्रत की पूजा
डिसक्लेमर - 'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
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