मरुधर गूंज, बीकानेर (06 अक्टूबर, 23)। सनातन धर्म में पितर पक्ष मुख्यतः पितरों को समर्पित होता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि किए जाते हैं। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितर पक्ष की शुरुआत होती है और इसका समापन आश्विन माह की अमावस्या तिथि को होता है।
इस साल पितर पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हुई थी। जिसका समापन 14 अक्टूबर को होने जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं पितर पक्ष के दौरान काले तिल के कुछ खास उपाय, जिनके द्वारा पितरों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
प्रसन्न होंगे पितरों के देव
अर्यमा पितरों के देव हैं। पितर पक्ष में उनकी पूजा की जाती है। ऐसे में उनकी पूजा में काले तिलों का प्रयोग जरूर करना चाहिए। पूजा के दौरान अर्यमा देव को काला तिल अर्पित करें। इससे अर्यमा देव प्रसन्न होते हैं। साथ ही व्यक्ति को पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है।
इंदिरा एकादशी पर करें ये उपाय
सनातन धर्म में इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। ऐसे में आप पितर पक्ष के दौरान पड़ रही इंदिरा एकादशी पर पूजा के समय भगवान विष्णु को काले तिल अर्पित करें। ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
तर्पण में इस तरह करें तिल का प्रयोग
पितर पक्ष के दौरान रोजाना पूर्वजों को तर्पण करने का विधान है। पितर पक्ष में तर्पण आदि के लिए काले तिल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। ऐसे में तर्पण के दौरान जल में काला तिल मिलाकर पूर्वजों को अर्पित करें। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और आपके ऊपर अपनी दया दृष्टि बनाए रखते हैं।
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