मरुधर गूंज, बीकानेर (26 अक्टूबर, 23)। चंद्रग्रहण सिर्फ और सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण घटना है। साल का अंतिम चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है ऐसे में इस दिन ग्रहण लगना बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है। ग्रहण का असर सभी राशियों पर दिखाई देने वाला है। आइए जानते हैं चंद्रग्रहण की तारीख, सूतक काल का समय और कहा दिखाई देगा यहां जानें सारी महत्वपूर्ण जानकारी।
साल का अंतिम चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर शनिवार के दिन लगने जा रहा है। यह ग्रहण देश के कई हिस्सों के साथ साथ भारत में भी दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल भारत में भी मान्य रहेगा। बता दें कि चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण के 9 घंटे पूर्व से शुरु हो जाता है।
चंद्रग्रहण सूतक काल का समय
चंद्रग्रहण 28 तारीख देर रात 1 बजकर 5 मिनट से लेकर 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यानी यह ग्रहण 1 घंटा 18 मिनट का रहेगा। इस दौरान पूरे भारत में चंद्रमा उदय हो जाएगा। 28 अक्टूबर को शाम में 4 बजकर 6 मिनट पर चंद्रोदय हो जाएगा। भारतीय समयअनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रबिम्ब दक्षिण की तरफ से ग्रस्त होगा।
देश और दुनिया में कहां-कहां दिखाई देगा ग्रहण
चंद्रग्रहण भारत, ऑस्ट्रेलिया, संपूर्ण एशिया, यूरोप, अप्रीका, दक्षिणी-पूर्वी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, कैनेडा, ब्राजील, एटलांटिक महासागर में यह ग्रहण दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण शुरुआत से अंत तक दिखाई देगा।
सूतक काल में न करें ये काम
चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान आपको स्नान, दान, पु्ण्य कार्य, हवन और भगवान की मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। आप चाहें तो इस समय आप अपनेगुरु मंत्र, राहु और चंद्रमा के मंत्रों का जप कर सकते हैं। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री, बच्चे, वृद्ध जन भोजन कर सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें दोष नहीं लगेगा। ध्यान रखें की सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें। इसके अलावा आप इसमें कुश भी डाल सकते हैं।
घर से बाहर न निकले गर्भवती महिलाएं
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करने से गर्भस्थ शिशु को रेडिएशन के कारण नुकसान हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर में ही रहना चाहिए। साथ ही गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान खान भी नहीं बनाना चाहिए और न कुछ खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से भी बच्चे की सेहत पर बुरा असर होता है।
इन चीजों का न करें उपयोग
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को धारदार चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान चाकू, कैंची, सिलाई, कढ़ाई या बुनाई जैसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए। इसे भी अशुभ माना जाता है।
भगवान का ध्यान व मंत्र जाप करें
गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय भगवान का ध्यान करने के साथ-साथ मंत्रों का जाप करें। मन को एक स्थान पर स्थिर रखकर चिंतन-मनन करना चाहिए। इस दौरान भगवान की मूर्तियों का भी स्पर्श नहीं करना चाहिए।
ग्रहण काल में बिल्कुल न सोएं
चंद्रग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। ग्रहण काल में सोने से बच्चे पर बुरा असर हो सकता है। ग्रहण के दौरान चंद्र दर्शन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मां और बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ग्रहण काल में सफेद चीजों का दान जरूर करना चाहिए।
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