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मरुधर गूंज, बीकानेर (15 नवम्बर, 23)। मौसम बदला नहीं कि सबसे पहले सर्दी, ज़ुकाम और खांसी की आवाज़ सभी घरों से आनी लगती है। जुकाम को नज़ला या सर्दी और खांसी भी कहते हैं। यह श्वसन तंत्र के संक्रमण के कारण होने वाला रोग है। यह इन्फेक्शन एक इंसान से दूसरे में तेजी से फैल सकता है। जो बीमार व्यक्ति के खांसने या छींकने से आसानी से फैल जाता है। जुकाम या फ्लू वैसे वायरस से होता है, जो श्वासनली को प्रभावित करते हैं।
जुकाम के क्या लक्षण हैं?
लेकिन जुकाम में दवाइयां लेने से बेहतर है कि घर में रखी घरेलू चीज़ों से देसी इलाज करें क्योंकि ये शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। तो आइए जानते हैं कुछ देसी उपाय जुकाम से निपटने के :-
तुलसी का सेवन
जुकाम में तुलसी अमृत के समान फल देती है। खांसी और जुकाम होने पर 8 से 10 पत्तियों को पीसकर पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को पिएं। छोटे बच्चों में जुकाम होने पर 6-7 बूंद अदरक और तुलसी का रस शहद में मिलाकर चटाएं। यह बंद नाक को खोलने और बहती नाक को रोकने दोनों में सहायक है।
मेथी और अलसी
मेथी और अलसी को 4-5 ग्राम की मात्रा में लेकर एक गिलास पानी में उबालें। जब अच्छी तरह उबल जाए, तब इसकी 4-4 बूंदें दोनों नाक में डालें। इससे जुकाम में आराम मिलता है।
एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है। नाक से पानी बहना बंद हो जाता है।
हल्दी और अजवायन
10 ग्राम हल्दी और 10 ग्राम अजवायन को एक कप पानी में डालकर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए, तब इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर पिएं। इससे जुकाम में तुरंत आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम हो जाता है।
काली मिर्च
काली मिर्च के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से जुकाम में आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम होता है साथ ही आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और एक चम्मच मिश्री मिलाकर एक गिलास गर्म दूध के साथ दिन में दो बार पिएं।
सरसों तेल
सोते समय नाक के दोनों छिद्र में 2-2 बूंदे बादाम या सरसों के तेल की डालकर सोएं। इससे नाक का किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता।
अदरक
कफ वाली खांसी के लिए दूध में अदरक उबालकर पिएं। अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी जुकाम में आराम मिलता है। 1-2 अदरक के छोटे-टुकड़े, 2 काली मिर्च, 4 लौंग और 5-7 तुलसी की ताजी पत्तियां पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा गिलास रह जाए, तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को देसी घी में भूनकर दिन में 3-4 बार पीसकर खाएं। इससे नाक से पानी बहने की समस्या से आराम मिलता है।
लहसुन
लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन नामक रसायन एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल होता है। यह सर्दी-जुकाम के संक्रमण को दूर करता है। इसके लिए 6-8 लहसुन की कलियों को घी में भूनकर खाएं।
गाय के घी
गाय के शुद्ध देशी घी को पिघलाकर दो बूंद सुबह नाक में डालें। ऐसा नियमित रूप से तीन महीने तक करें। इससे पुराने से पुराना जुकाम भी ठीक हो जाता है।
मुनक्का
जुकाम के लिए 8 से 10 मुनक्के को पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तब मुनक्के को निकालकर खा लें और पानी को पी लें। इससे बहती नाक की समस्या से आराम मिलता है।
डिसक्लेमर - 'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
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