तुलसी दिवस कल, पूजापाठ से मिटेगी दरिद्रता और आप होंगे धनवान


        मरुधर गूंज, बीकानेर (24 दिसम्बर, 2023)। तुलसी का पौधा सनातन धर्म में पूजनीय है। तुलसी में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, तुलसी की पूजा करने से घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है। हर साल 25 दिसंबर को तुलसी दिवस मनाया जाता है। हर दिन तुलसी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही तुलसी की परिक्रमा करते हुए, मां लक्ष्मी का ध्यान करना चाहिए। तुलसी दिवस पर पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए, ऐसा करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है।


तुलसी स्तुति मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।



तुलसी नामाष्टक मंत्र

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।



मां तुलसी पूजन मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।


तुलसी माता का ध्यान मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।


तुलसी पूजा महत्व

        सनातन धर्म में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी दिवस के दिन विधि पूर्वक तुलसी पूजन किया जाता है, ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा परिवार में धन, समृद्धि और खुशियां आती हैं। इस दिन तुलसी का पौधा घर लाना शुभ होता है। तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इसलिए तुलसी दल को भगवान विष्णु के प्रसाद में शामिल किया जाता है। घर में तुलसी का पौधा होने से सकारात्मकता बनी रहती है।


तुलसी माता की आरती

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।

सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।

मैय्या जय तुलसी माता।।


सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।

रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।

मैय्या जय तुलसी माता।।


बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।

विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।

मैय्या जय तुलसी माता।।


हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।

पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।

मैय्या जय तुलसी माता।।


लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।

मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।

मैय्या जय तुलसी माता।।


हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।

प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।

हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।

मैय्या जय तुलसी माता।।


जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।

सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥

मैय्या जय तुलसी माता।।

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