जगद्गुरु के बीकानेर पहुँचने पर पुष्पवर्षा से होगा स्वागत






 मरुधर गूंज, बीकानेर (7 जून 2024)। जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 11 जून को दोपहर 2 बजे बीकानेर पहुंच जाएंगे। पहले शंकराचार्य अनूपगढ़ के रास्ते बीकानेर पहुंचने वाले थे लेकिन अब वे जयपुर से सीधे बीकानेर पहुंचेंगे। शंकराचार्य की अगवानी में बीकानेर से सनातन धर्म रक्षा मंच के कार्यकर्ता जयपुर जाएंगे। वे शंकराचार्य के साथ बीकानेर आएंगे। कम्यूनिटी वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष कन्हैयालाल भाटी ने बताया कि इस वृहद आयोजन से संबंधित शिवशिवा सदन में संतोषानंद सरवतीजी महाराज के सान्निध्य एक मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग को सम्बोधित करते हुए संतोषानंदजी महाराज ने तैयारियों से संबंधित एक कोर कमेटी का गठन किया जिसमें राजकुमार किराड़ू, कन्हैयालाल भाटी एवं सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित को जिम्मेदारी सौंपी गई। सुरेन्द्रसिंह राजपुरोहित ने बताया कि जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 11 जून को बीकानेर पहुंच जाएंगे। जंगलेश्वर महादेव मंिदर के पास स्थित शिव-शिवा सदन में 12 जून को शाम 4 बजे से धर्मसभा होगी। इससे पहले दिन में आदिशंकराचार्य की पादुका का पूजन होगा। करीब 30 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। धर्मसभा स्थल पर डोम लगवाया जा रहा है। गर्मी को देखते हुए डोम में 100 से ज्यादा कूलरों की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा धर्मसभा स्थल पर पहुंचने के लिए 4 बसों की निशुल्क व्यवस्था की गई है। तैयारियों से संबंधित बैठक में तेजू गहलोत, अमरनाथ भादानी  रामचंद्र बेनीवाल, जयंत भादानी, गिरिराज जोशी, पुखराज सोनी, शांतिलाल गहलोत, ललित ओझा, विनोद भोजक, रजत, मयंक स्वामी, गौरीशंकर भाटी, पूनम चौधरी, घनश्याम ओझा, मुरली पंवार, राहुल अग्रवाल, यज्ञप्रसाद शर्मा, सुधा आचार्य, बाला स्वामी, मंजू गोस्वामी, जयश्री भाटी, रजनीश जोशी, नंदकिशोर गहलोत, हनुमान गहलोत, राजू पारीक, फरसाराम सोनी सहित कम्युनिटी वेलफेयर सोसायटी के कार्यकर्ता आदि जोर-शोर से जुटे हुए हैं।



भागवत कथा में हुआ भरत चरित्र का वर्णन

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बीकानेर आगमन के मौके पर शिव-शिवा सदन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में शनिवार को नंदोत्सव मनाया जाएगा। सनातन धर्मरक्षा मंच के बैनर तले हो रही भागवत कथा में शुक्रवार को कथावाचक मरुनायक पीठ के पीठाधीश्वर कथावाचक पंिडत भाईश्री ने भरत के चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने ध्रूव गमन, ध्रूव को विष्णुलोक की प्राप्ति, महाराज पृथ्वी के 100 अश्वमेघ यज्ञ, गजेंद्र मोक्ष, नृसिंह अवतार सहित कई प्रसंगों को विस्तार से सुनाया। इससे पहले सीतारामसिंह राजपुरोहित ने मुख्य यजमान के रूप में पूजा करवाई। कथा में संतोषानंद सरस्वती महाराज सहित सुरेंद्रसिंह राजपुरोहित, पूनम चौधरी, भीमराज सेवग, मधु पंवार सहित दर्जनों कार्यकर्ता सेवा में जुटे रहे।




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