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मरुधर गूंज बीकानेर । भगवान शिव को भोलेनाथ कहा जाता है, क्योंकि वे एक लोटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना को पूर्ण करते हैं। सावन का महीना शुरू हो चुका है यह 19 अगस्त तक चलेगा इस माह पड़ने वाले सोमवार को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विधि पूर्वक शिवजी का अभिषेक किया जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करने से काम, क्रोध, मोह, अहंकार और लोभ जैसे विकारों से मुक्ति मिलती है। आइए, जानते हैं कि सावन के महीने में ही भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करने का क्या महत्व है।
चंद्रमा से जुड़ी हैं पंचामृत की चीजें
पंचामृत दूध, दही, शक्कर जैसी सफेद वस्तुओं से मिलकर बनता है, जो कि चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती हैं। जब चंद्र प्रधान चीजों से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है, तो व्यक्ति के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होने लगती है।
साथ ही पंचामृत में उपयोग होने वाली चीजों से शुभ ऊर्जा निकलती है। इस माह में रुद्राभिषेक का सर्वाधिक महत्व माना जाता है। सावन सोमवार के दिन सच्चे मन से लोग भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।
पंचामृत से अभिषेक का महत्व
पंचामृत दूध, दही, शहद, घी और शक्कर इन पांच चीजों से मिलकर बना होता है। पंचामृत से अभिषेक करने के लिए सबसे पहले भगवान शिव पर जल अर्पण करें और उसके बाद दूध, दही, शहद और शक्कर को उन पर अर्पित करें।
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