साइबर क्राइम करने वालों का कमांडो करेंगे इलाज


अचानक पाँच हजार कमांडों की नियुक्ति! आपके साथ कोई भी करेगा धोखा तो कमांडो निकाल देंगे हेकड़ी! साइबर ठगों को रोकने का अचूक प्लान! चेेेेेेेाणक्य का माइंड देख घबराए जामताड़ा वाले ठग, उड़ गए होश! फोन से एक रुपये भी निकाला, कमांडो करेंगे ऐसा इलाज, सात पुश्ते कहेंगी सॉरी माफ कर दो सरकार!



मरुधर गूंज, बीकानेर (13 सितम्बर 2024 )।  आपका फोन रखा है आप कोई ओटीपी शेयर नहीं करते फिर भी ठग आपके खाते से पैसे निकाल लेते है। आप पुलिस के पास जाते है आपको पुलिस साइबर थाने भेजती है। साइबर पुलिस हाथ खड़ा कर लेती है। आम जनता परेशान होती है। दुनियाभर पर साइबर अटैक का खतरा बढ़ा है। हमारी सेना, हमारी आर्मी, हमारे देश की सुरक्षा साइबर सिक्यूर्टी पर निर्भर करती है। इसलिए चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने एक कदम उठाया कि पाकिस्तान से लेकर चीन तक हड़कम्प मच गया। अमेरिका की ऐजेंसी सीआई एजेंसी भी आंख खोलकर फाइल पढऩा चाहती है। इजरायल की मोजाकता भी ये देखना चाहती है कि जिस साइबर अटैक को इजरायल रोक नहीं पाया वो भारत कैसे रोक सकता है। अमित शाह की योजना में ऐसा क्या है। जो यूपी में योगी के लिए योगी के लिए ब्रह्मास्त शाबित होगा। सेना का सबसे बड़ा हथियार बन जाएगा। यहां तक के एनएस अजीत ठोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ राजनाथ सिंह को देश के दुशमनों को पकडऩे में बड़ी सफलता मिलेगी। लेकिन सवाल उठता है। साइबर सिक्यूर्टी को बढ़ाने के लिए देश की सरकार कमाण्डों की नियुक्ति क्यों कर रही है और जो पाँच हजार जवान एसपीजी, एनएसजी, एनआईए, एटीएस और एटीएफ से अलग है वो कमाण्डो क्या करने वाले है। शायद ये आपके काम खबर है। तो देखिए पूरा विवरण- 

ये सभी कमांडो पढ़े लिखे और तकनीक को समझने वाले होंगे, जिनकी नियुक्ति साइबर अटैक और साइबर ठग को रोकने की होगी। अमित शाह के प्लान के मुताबित इसमें एसपीजी, एनएसजी, एनआईए, एटीएस और एटीएस की टीम को शामिल किया जाएगा, वो मिलकर ऑपरेशन चलाएंगे। इस योजना का मकसद है देश के भीतर और देश के बाहर मजबूत हो रहे साइबर ठगों और विरोधी ताकतों को कमजोर करना। आपको सरल भाषा में बताते और समझाते है कि अमित शाह इस पूरी योजनाओं को लागू करने वाले है। और कैसे पाकिस्तान और चीन के साथ जामतारा में बैठे साइबर ठगों की कमर टूट गई है। 



क्या है साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेन्टर :


ये ऐसी जगह होगी, जहां साइबर फ्रॉड रोकने वाली सभी एजेंसियां एक ही छत के नीचे होगी। मतलब जैसे मॉल में एक जहग सभी प्रकार का सामान हमें उपलब्ध होता है। वैसे ही यहां जाते ही बड़े बैंको के प्रतिनिधि, पुलिस, केन्द्रि कानून एजेंसियों के अधिकारी और सिम कार्ड कम्पनियों के प्रतिनिधि आपको मिले जायेंगे। ये साइबर कमाण्डो आपकी हर शिकायत को गोर से सुनेंगे बल्कि आपको  इंसाफ भी दिलायेंगे। जैसे अगर कॉल कर  के आपके परिचीत के नाम से फरोड करके पैसे ले लिये गये। फोन हैक करके फोटो, विडियों को वायरल कर दिया गया। गैस कनेक्शन, बिजली बिल, मोबाइल बिल, पोसपेड बिल के नाम का फर्जीवाड़ा करें तो इसकी शिकायत आप एक ही जगह कर पायेंगे। अब आपको बैंक वाले दौड़ायेंगे। और ना ही थाने का दरोगा शिकायत दर्ज के लिए खर्चा पानी मागेंगा। यानि यदि अगर आप साइबर क्राइम के शिकार हुए मुकदमा दर्ज करवाने जाते है कुछ घण्टों के भीतर ही आपकी समस्या का समाधान हो जायेगा। चाहे वो खाते से पैसे कटे होने का मामला हो या फोटो, विडियों का वायरल होने का मामले हो। या आपकी कोई जासूसी कर रहा हो। सब कुछ मिनटों में पता चल जायेगा। 

इसके अलावा चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह ने दो और चीजें लाँच की है। जो बहुत जरूरी है। 

पहला है - समन्वय प्लेटफार्म :- जो वेब आधारित मॉड्यूल है। इसमें एक ही पोर्टल पर आप हर तरह की शिकायत दर्ज कर सकते है। 


दूसरा है - सस्पेक्ट रजिस्ट्री :- संदिग्ध बैंक अकाउंट की न सिर्फ पहचान होगी, बल्कि उन्हें आसानी से ट्रैक किया जाएगा, ताकि आपके खाते से पैसे लूटने वालों पर शिकंजा कस सके। पर ये कहानी आपके पैसे तक सीमित नहीं बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा आपको याद होगा कि कुछ समय पहले पीएम नरेन्द्र मोदी का ट्विटर एकाउंट हैक कर लिया गया था। 



तमिलनाडू में बने परमाणु संयत्र पर साइबर अटैक की कोशिश की गई। दो साल पहले ही अमेरिका की एक कम्पनी रिसिक्यूर्टी ने कहा था। भारत की 55 फीसदी आबादी यानि करीब 81 करोड़ लोगों का डेटा डार्क वेब पर उपलब्ध है। उनका फोन नम्बर, आधार नम्बर और पासपोर्ट नम्बर तक 80 हजार अमेरिका डॉलर में बेचा जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन ये साइबर जाल इतना बड़ा है कि  बड़े लेबल पर एक मिशन लाँच करना जरूरी भी था। देश के बड़े-बड़े साइबर एक्सपर्ट इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझते है कि अब जमाना पहले जैसा नहीं है। अब आपको तकनीक से भी मजबूत होना होगा। चीन जैसी जासूसी जैसी चाल चलता है। उससे निपटने के लिए ऐसे कमाण्डो बहुत जरूरी है। बीते दस सालों में जिस हिसाब से भारत डिजिटल क्रांति आयी, प्रत्येक हाथ में मोबाइल फोन पहुंचा उसी हिसाब से फ्रोड के मामले बढ़े। आम लोगों को लूटा जा रहा है। जिससे कई परिवार उजड़ रहे है। इसी को रोकने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार साल 2018 में पहले फोर्टीन सी का गठन करते है। उसके बाद पांचवें स्थापना दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह इसे और मजबूत करने का काम करते है। जो हमें और आपको दिखाई नहीं दे रहा है। उस खतरें को देखते हुए उसे मिटाने के लिए पूरी तैयारी देश के गृह मंत्री ने कर ली है। आपकी राय हमें जरूर बताये...



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