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मरुधर गूंज, बीकानेर (14 सितम्बर 2024 )। चंद्र ग्रहण ऐसी खगोलीय घटना है, जो सबका ध्यान अपनी तरफ खींचती है। इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 17 सितंबर को लगने जा रहा है। यह आंशिक ग्रहण होगा। कई जगह पर 18 सितंबर को दिखेगा। आइए आपको बताते हैं चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा। भारत में क्या प्रभाव होगा।
चंद्र ग्रहण सितंबर 2024 तिथि और समय :
इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 17 सितंबर को लगेगा। कई जगह 18 सितंबर को दिख सकता है। भारतीय समयानुसार, आंशिक चंद्र ग्रहण की शुरुआत सुबह 06 बजकर 12 मिनट पर होगी।
चंद्र ग्रहण कहां दिखाई देगा?
जब चंद्र ग्रहण लगना शुरू होगा। भारत में सुबह हो जाएगी, इस कारण ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के अधिकांश भाग, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा। बता दें चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, जिससे चंद्रमा की सतह पर छाया पड़ती है।
चंद्र ग्रहण की टाइमिंग
भारत में चंद्र ग्रहण प्रभावी नहीं है, लेकिन आप ऑनलाइन ग्रहण को लाइव देख सकते हैं। भारतीय समयानुसार ग्रहण की शुरुआत 18 सितंबर की सुबह 06.12 मिनट पर होगी। टाइम एंड डेट के अनुसार, इसका सबसे ज्यादा प्रभाव सुबह 08.14 मिनट पर दिखाई देगा। ग्रहण सुबह 10.17 मिनट पर खत्म होगा।
आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि 4 घंटे 6 मिनट रहेगी। वहीं, साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को था। वह उपच्छाया ग्रहण था, जिसकी अवधि 4 घंटे 39 मिनट थी।
चंद्र ग्रहण के प्रकार
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि घटना के समय सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा किस पंक्ति में होते हैं।
पूर्ण चंद्र ग्रहण
जब पृथ्वी की छाया संपूर्ण चंद्रमा सतह पर पड़ती है तो यह अवस्था पूर्ण चंद्र ग्रहण कहलाती है। ऐसी स्थिति में मून लाल या पिंक कलर का दिखाई देता है। पृथ्वी से देखने पर चांद के धब्बे साफ दिखाई देते हैं।
आंशिक चंद्र ग्रहण
आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का सिर्फ एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है। ऐसा लगता है कि यह चंद्रमा की सतह से कट रहा है। पृथ्वी की छाया धरती की ओर वाले चांद के हिस्से पर काली दिखाई देती है।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण
पृथ्वी की छाया या हल्का बाहरी भाग चांद की सतह पर पड़ता है। इस प्रकार का ग्रहण अन्य दो ग्रहणों की तरह नहीं होता है। इसे देखना थोड़ा मुश्किल होता है। उपच्छाया ग्रहण में चंद्रमा का कोई भाग ग्रसित नहीं होता है। इसलिए इसको ग्रहण की कैटेगरी में नहीं रखा जाता है।
साल | तारीख | चंद्र ग्रहण का प्रकार | कहां दिखाई देगा |
2025 | मार्च 13-14 | पूर्ण चंद्र ग्रहण | प्रशांत, अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अमेरिका |
2025 | सितंबर 7 | पूर्ण चंद्र ग्रहण | यूरोप, अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया |
2026 | मार्च 3 | पूर्ण चंद्र ग्रहण | एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत, अमेरिका |
2026 | अगस्त 28 | आंशिक चंद्र ग्रहण | प्रशांत, अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका |
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